दस्त होने के प्रमुख मुख्य कारण और इसे हम कैसे पहचाने
दस्त एक आम और अक्सर असुविधाजनक स्थिति है जिसमें मल ढीला, पानी जैसा होता है। हालांकि यह संक्रमण, दवाओं और खाद्य संवेदनशीलता सहित विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है, लेकिन दस्त को रोकने के लिए आप कई कदम उठा सकते हैं। इस ब्लॉग में, हम दस्त के कारणों, इसके लक्षणों के बारे में जानेंगे।
दस्त कई कारणों से हो सकता है
बैक्टीरियल संक्रमण: ई. कोली, साल्मोनेला और कैम्पिलोबैक्टर जैसे बैक्टीरियल संक्रमण दस्त के सामान्य कारण हैं। ये दूषित भोजन और पानी, खराब स्वच्छता और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से फैल सकते हैं।
वायरल संक्रमण: वायरल संक्रमण दस्त का एक और सामान्य कारण है। ये दूषित भोजन और पानी, गंदगी और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से फैलते हैं। दस्त का मुख्य कारण बनने वाले वायरस जैसे की रोटावायरस, नोरोवायरस और एडेनोवायरस।
परजीवी संक्रमण: परजीवी संक्रमण भी दस्त का कारण बन सकते हैं। ये संक्रमित जानवरों, कच्चे या अधपके मांस, संक्रमित व्यक्तियों और बिना धुले फलों और सब्जियों के संपर्क से फैलते हैं। दस्त का कारण बनने वाले परजीवी जैसे की गियार्डियासिस, क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस और अमीबियासिस प्रमुख है।
खाद्य संवेदनशीलता: लैक्टोज संवेदनशीलता, ग्लूटेन संवेदनशीलता और फ्रुक्टोज अवशोषण में कमी सहित, दस्त के सामान्य कारण हैं। लैक्टोज संवेदनशीलता, वैश्विक आबादी के 65% को प्रभावित करने वाली एक सामान्य स्थिति है, जो दस्त, सूजन और पेट दर्द जैसे लक्षणों का कारण बनती है। ग्लूटेन संवेदनशीलता, एक ऐसी स्थिति है जो ग्लूटेन का सेवन करने के बाद दस्त, सूजन, थकान और पेट दर्द जैसे लक्षणों का कारण बनती है। फ्रुक्टोज कुअवशोषण, एक सामान्य स्थिति है, जो आंत में किण्वन का कारण बनती है, जिससे दस्त, सूजन, गैस और पेट दर्द जैसे लक्षण होते हैं।
दवाएँ: कुछ दवाएँ, जैसे कि एंटीबायोटिक्स बैड बैक्टीरिया के साथ साथ आंत के अच्छे बैक्टीरिया को भी नुकसान पहुचता हैं, जिससे दस्त हो सकता है। यह भोजन पाचन कार्य और समस्थ स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। एंटीबायोटिक उपचार के बाद दस्त कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों या महीनों तक रह सकता है। कोई भी दवा शुरू करने से पहले किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से सलाह लें।
चिकित्सा स्थिति: आंत्रीय संवेदनशीलता सिंड्रोम” (Irritable Bowel Syndrome), आंत्र में सूजन, और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) ये सभी पाचन तंत्र में होने वाले प्रमुख बीमारी हैं जो दस्त का कारण बन सकती हैं। पेट में दर्द, सूजन और मल त्याग की आदतों में परिवर्तन इसकी विशेषता है।
दस्त के लक्षण:
दस्त के लक्षण मूल कारण के आधार पर भिन्न होता हैं, लेकिन सभी में लक्षण सामान्य होता हैं:
बार-बार मल त्याग: दस्त में बार-बार, ढीले और पानी जैसे मल का होना।
पेट में ऐंठन: पेट में ऐंठन और दर्द का होना।
पेट फूलना और गैस: पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन के तेजी से आगे बढ़ने के कारण पेट फूलना और गैस का होना।
ढीला, पानी जैसा मल: दस्त में ढीले, पानी जैसे मल होते हैं, जो बार-बार और तत्काल होते रहते है।
चक्कर और उल्टी: दस्त के साथ चक्कर और उल्टी भी होते रहती है, खासकर अगर यह किसी संक्रमण या फूड पोइज़निंग के कारण होता है।
बाथरूम का उपयोग करने की तत्काल आवश्यकता: दस्त के कारण बाथरूम का उपयोग करने की तत्काल आवश्यकता पड़ती है और दैनिक गतिविधियों को बाधित करती है।
बुखार: बुखार दस्त में एक ऐसा लक्षण होता है जो खासकर किसी संक्रमण के कारण होता है।
मल में रक्त: मल में रक्त अधिक गंभीर स्थिति का संकेत होता है, जैसे कि सूजन आंत्र रोग या अधिक संक्रमण।
निर्जलीकरण: दस्त से शरीर में पानी की कमी होता है, जिससे प्यास, गहरे रंग का मूत्र, मुँह बार बार सुखना और चक्कर आना जैसे लक्षण होते हैं।
शरीर में इलेक्टरोलाइट की कमी: दस्त से शरीर के तरल पदार्थों की हानि हो सकती है, जिससे पानी और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है।
कुपोषण: दस्त से पोषक तत्वों की शरीर में कमी भी हो सकती है, जिससे सूजन, गैस और वजन कम होने जैसे लक्षण हो सकते हैं।
दस्त के मूल कारण के आधार पर ये लक्षण गंभीरता और अवधि में भिन्न हो सकते हैं।